EN اردو
चरवाहे का ख़्वाब | शाही शायरी
charwahe ka KHwab

नज़्म

चरवाहे का ख़्वाब

सईदुद्दीन

;

चरवाहा ख़्वाब देखता है
उस की एक भेड़ गुम हो गई

सिर्फ़ उन्चास भेड़ें बाक़ी हैं
चरवाहा ख़्वाब देखता है

उस की तीन भेड़ें ज़ख़्मी हैं
सिर्फ़ छियालिस बाक़ी हैं

चरवाहा ख़्वाब देखता है
भेड़िये ने उस के गले पर हमला कर दिया

भागती मुंतशिर होती भेड़ों में से पीछे रह जाने वाली एक भीड़ और कम हो गई
पचास ख़ौफ़-ज़दा भेड़ें देखती हैं

सोए हुए चरवाहे को भेड़िया घसीट कर ले जा रहा है