EN اردو
चचा के साथ | शाही शायरी
chacha ke sath

नज़्म

चचा के साथ

खालिद इरफ़ान

;

मिलता नहीं मिज़ाज चची का चचा के साथ
जैसे चराग़ बाँध दिया हो हवा के साथ

दोनों के बच्चे राह की दीवार बन गए
शादी-शुदा का इश्क़ है शादी-शुदा के साथ

मुझ को जो रोकते थे बहुत ताँक-झाँक से
वो जा रहे हैं अपनी नई अहलिया के साथ

खाने में कोई चीज़ भी ख़ालिस नहीं रही
जिस्मों में दौड़ता है लहू डालडा के साथ

कल रात हम ने लूट लिया था मुशाइरा
लहरा गए फ़ज़ा में टमाटर हवा के साथ