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संघर्ष | शाही शायरी
sangharsh

नज़्म

संघर्ष

याक़ूब राही

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लफ़्ज़-ओ-मा'नी में
संघर्ष जारी है

सदियों से जारी है जारी रहे
ख़ामुशी

बे-हिसी क्यूँ है