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ऐ अज़ल से.... | शाही शायरी
ai azal se

नज़्म

ऐ अज़ल से....

अमीक़ हनफ़ी

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ऐ अज़ल से ता-अबद साहिब-फ़रोग़
ऐ जमाल-ए-बे-हिजाब

ऊन कोहरे से
धूप से ज़र-बफ़त

और रेशम चाँदनी से
बार-हा लेने को मैं ने ले लिया

लफ़्ज़ सुर रंगों का पैराहन मगर
फिर भी न मुझ से सिल सका

तू तअय्युन की हदों में क्यूँ न मुझ को मिल सका