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यूँही गर अदू की ग़ुलामी करेंगे | शाही शायरी
yunhi gar adu ki ghulami karenge

ग़ज़ल

यूँही गर अदू की ग़ुलामी करेंगे

नसीम भरतपूरी

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यूँही गर अदू की ग़ुलामी करेंगे
वो हासिल बड़ी नेक-नामी करेंगे

करेंगे दलीलें वहाँ ख़ूब नासेह
उन्हीं को हम अपना पयामी करेंगे

इजाज़त भी दे उन को तंगी दहन की
वो किस मुँह से शीरीं-कलामी करेंगे

अदू ने किया ग़ुस्ल-ए-सेह्हत सुना है
वो जल्सा बड़ा धूम-धामी करेंगे

'अली' का वसीला है दोनों जहाँ में
'नसीम' और हम किस को हामी करेंगे