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ये कौन आ गई दिल-रुबा महकी महकी | शाही शायरी
ye kaun aa gai dil-ruba mahki mahki

ग़ज़ल

ये कौन आ गई दिल-रुबा महकी महकी

हसरत जयपुरी

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ये कौन आ गई दिल-रुबा महकी महकी
फ़ज़ा महकी महकी हवा महकी महकी

वो आँखों में काजल वो बालों में गजरा
हथेली पे उस के हिना महकी महकी

ख़ुदा जाने किस किस की ये जान लेगी
वो क़ातिल अदा वो क़ज़ा महकी महकी

सवेरे सवेरे मिरे घर पे आई
ऐ 'हसरत' वो बाद-ए-सबा महकी महकी