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याद उन की सताती रही रात-भर | शाही शायरी
yaad unki satati rahi raat-bhar

ग़ज़ल

याद उन की सताती रही रात-भर

आरिफ हसन ख़ान

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याद उन की सताती रही रात-भर
आँख आँसू बहाती रही रात-भर

एक मा'सूम मन मोहनी सी सदा
दिल पे दस्तक लगाती रही रात-भर

एक तलवार सीने पे चलती रही
इक ख़लिश गुदगुदाती रही रात-भर

रात ढलती रही हम सिसकते रहे
शम्अ' आँसू बहाती रही रात-भर