याद उन की सताती रही रात-भर
आँख आँसू बहाती रही रात-भर
एक मा'सूम मन मोहनी सी सदा
दिल पे दस्तक लगाती रही रात-भर
एक तलवार सीने पे चलती रही
इक ख़लिश गुदगुदाती रही रात-भर
रात ढलती रही हम सिसकते रहे
शम्अ' आँसू बहाती रही रात-भर
ग़ज़ल
याद उन की सताती रही रात-भर
आरिफ हसन ख़ान