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याद तेरी याद है नाम-ए-ख़ुदा | शाही शायरी
yaad teri yaad hai nam-e-KHuda

ग़ज़ल

याद तेरी याद है नाम-ए-ख़ुदा

इस्माइल मेरठी

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याद तेरी याद है नाम-ए-ख़ुदा
वर्ना हम क्या और हमारी याद क्या

सद्र-आरा तो जहाँ हो सद्र है
आगरा क्या और इलाहाबाद क्या

मब्दा-ए-फ़य्याज़ के शागिर्द को
हाजत-ए-आमोज़िश उस्ताद क्या

इक कसौटी है तिरे किरदार की
मर्तबा क्या माल क्या औलाद क्या