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वो मुझ से हुए हम-कलाम अल्लाह अल्लाह | शाही शायरी
wo mujhse hue ham-kalam allah allah

ग़ज़ल

वो मुझ से हुए हम-कलाम अल्लाह अल्लाह

सूफ़ी तबस्सुम

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वो मुझ से हुए हम-कलाम अल्लाह अल्लाह
कहाँ मैं कहाँ ये मक़ाम अल्लाह अल्लाह

ये रू-ए-दरख़्शाँ ये ज़ुल्फ़ों के साए
ये हंगामा-ए-सुबह-ओ-शाम अल्लाह अल्लाह

ये जल्वों की ताबानियों का तसलसुल
ये ज़ौक़-ए-नज़र का दवाम अल्लाह अल्लाह

वो सहमा हुआ आँसुओं का तलातुम
वो आब-ए-रवाँ बे-ख़िराम अल्लाह अल्लाह

शब-ए-वस्ल की साअतें मुख़्तसर सी
तमन्नाओं का इज़दिहाम अल्लाह अल्लाह

वो ज़ब्त-ए-सुख़न में लबों की ख़मोशी
नज़र का वो लुत्फ़-ए-कलाम अल्लाह अल्लाह