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वो बेवफ़ा है हमें ये मलाल थोड़ी है | शाही शायरी
wo bewafa hai hamein ye malal thoDi hai

ग़ज़ल

वो बेवफ़ा है हमें ये मलाल थोड़ी है

मीनाक्षी जिजीविषा

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वो बेवफ़ा है हमें ये मलाल थोड़ी है
हमें भी रात दिन उस का ख़याल थोड़ी है

अभी है क़ैद में बे-शक जहाँ की रस्मों के
अभी सज़ाओं से नारी बहाल थोड़ी है

ग़ुलाम अपना बना लें जो ख़्वाहिशात को हम
बसर ग़रीबी में करना मुहाल थोड़ी है

हमारी आँख में शर्म-ओ-हया का है पर्दा
नज़र मिलाए कोई ये मजाल थोड़ी है

वफ़ा करोगे तो हम से वफ़ा ही पाओगे
तुम्हारे साथ अना का सवाल थोड़ी है

ज़रा यक़ीन का चश्मा लगा के देखो तो
अभी वफ़ाओं का इतना अकाल थोड़ी है

ये कैसी चारों तरफ़ चाँदनी बिखरती है
कोई हसीन है छत पर हिलाल थोड़ी है

ये बात आज मुझे आइने ने समझाई
तुम्हारे हुस्न पे इतना ज़वाल थोड़ी है

ज़रूर तुम हो किसी के चढ़ाए में वर्ना
तुम्हारे ख़ून में इतना उबाल थोड़ी है

हमारा दिल तो है शफ़्फ़ाफ़ आइने की तरह
इस आइने में भला कोई बाल थोड़ी है