उस का हाल-ए-कमर खुला हमदम
हम को मुल्क-ए-अदम मिला हमदम
हाल-ए-दिल 'मेहर' का खुला हमदम
दर्द हमदर्द-ए-दिल हुआ हमदम
वालिह-ए-काकुल-ए-रसा हमदम
सर-ए-सौदा का हो रहा हमदम
दर्द हम को हुआ दवा हमदम
और लिल्लाह दिल दुखा हमदम
दिल का हासिल हो मुद्दआ' हमदम
रहम कर आ इधर को आ हमदम
अल्लाह अल्लाह लाला-ए-कोहसार
गुल-ए-लौह-ए-लहद हुआ हमदम
मौसम-ए-गुल हो कोह-ए-सहरा हो
सर हो सौदा हो वल-वला हमदम
हम को दौरा-ए-सुरूर वादा-ए-वस्ल
दौर होगा मुदाम का हमदम
हुक्म हम को हुआ कि गुल खाओ
वाह वाह और गुल खिला हमदम
होगा मा'लूम हाल-ए-रूह अल्लाह
ला'ल-ए-दिल-दार गर हिला हमदम
अल्लाह अल्लाह आह-ए-सर्द-ए-सहर
गर्म किस किस तरह हुआ हमदम
किस तरह का मोआ'मला होगा
वस्ल उस का अगर हुआ हमदम
किस तरह ताले-ए-अदू हो साद
किस तरह उल्लू हो हुमा हमदम
हम को उस ला'ल का दिखा आलम
मुस्कुरा कर लहू रुला हमदम
दाम-ए-काकुल हो सिलसिला हमदम
गर सर-ए-मू गिरह हो वा हमदम
दिल का वो हाल इस का वो आलम
किस का हो हम को आसरा हमदम
रखो 'मेहर' उस को लिक्खो और तरह
दौर-ए-किल्क-ए-मुदाम ला हमदम
ग़ज़ल
उस का हाल-ए-कमर खुला हमदम
हातिम अली मेहर