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तो मैं भी ख़ुश हूँ कोई उस से जा के कह देना | शाही शायरी
to main bhi KHush hun koi us se ja ke kah dena

ग़ज़ल

तो मैं भी ख़ुश हूँ कोई उस से जा के कह देना

वसी शाह

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तो मैं भी ख़ुश हूँ कोई उस से जा के कह देना
अगर वो ख़ुश है मुझे बे-क़रार करते हुए

तुम्हें ख़बर ही नहीं है कि कोई टूट गया
मोहब्बतों को बहुत पाएदार करते हुए

मैं मुस्कुराता हुआ आइने में उभरूँगा
वो रो पड़ेगी अचानक सिंघार करते हुए

मुझे ख़बर थी कि अब लौट कर न आऊँगा
सो तुझ को याद किया दिल पे वार करते हुए

ये कह रही थी समुंदर नहीं ये आँखें हैं
मैं इन में डूब गया ए'तिबार करते हुए

भँवर जो मुझ में पड़े हैं वो मैं ही जानता हूँ
तुम्हारे हिज्र के दरिया को पार करते हुए