तेरे मेरे ख़्वाब जुदा
ख़्वाबों के अस्बाब जुदा
मेरे दुश्मन तेरे दोस्त
दोनों के अहबाब जुदा
तेरा मेरा साथ है यूँ
जूँ सहरा से आब जुदा
लब से साग़र क्या मिलते
महफ़िल के आदाब जुदा
सूना सूना दिल मेरा
दरिया से है आब जुदा

ग़ज़ल
तेरे मेरे ख़्वाब जुदा
गिरिजा व्यास