तेरे आने का इंतिज़ार रहा
उम्र भर मौसम-ए-बहार रहा
पा-ब-ज़ंजीर ज़ुल्फ़-ए-यार रही
दिल असीर-ए-ख़याल-ए-यार रहा
साथ अपने ग़मों की धूप रही
साथ इक सर्व-ए-साया-दार रहा
मैं परेशान-हाल आशुफ़्ता
सूरत-ए-रंग-ए-रोज़गार रहा
आइना आइना रहा फिर भी
लाख दर-पर्दा-ए-गुबार रहा
कब हवाएँ तह-ए-कमंद आईं
कब निगाहों पे इख़्तियार रहा
तुझ से मिलने को बे-क़रार था दिल
तुझ से मिल कर भी बे-क़रार रहा
ग़ज़ल
तेरे आने का इंतिज़ार रहा
रसा चुग़ताई