सुर्मा-ए-मुफ़्त-ए-नज़र हूँ मिरी क़ीमत ये है
कि रहे चश्म-ए-ख़रीदार पे एहसाँ मेरा
रुख़्सत-ए-नाला मुझे दे कि मबादा ज़ालिम
तेरे चेहरे से हो ज़ाहिर ग़म-ए-पिन्हाँ मेरा
ख़ल्वत-ए-आबला-ए-पा में है जौलाँ मेरा
ख़ूँ है दिल तंगी-ए-वहशत से बयाबाँ मेरा
हसरत-ए-नश्शा-ए-वहशत न ब-सइ-ए-दिल है
अर्ज़-ए-ख़म्याज़ा-ए-मजनूँ है गरेबाँ मेरा
फ़हम ज़ंजीरी-ए-बे-रब्ती-ए-दिल है या-रब
किस ज़बाँ में है लक़ब ख़्वाब-ए-परेशाँ मेरा
ग़ज़ल
सुर्मा-ए-मुफ़्त-ए-नज़र हूँ मिरी क़ीमत ये है
मिर्ज़ा ग़ालिब