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सुब्ह को शाम लिख दिया मैं ने | शाही शायरी
subh ko sham likh diya maine

ग़ज़ल

सुब्ह को शाम लिख दिया मैं ने

सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ

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सुब्ह को शाम लिख दिया मैं ने
अपना अंजाम लिख दिया मैं ने

मुझ से पूछा गया वफ़ा क्या है
बस तिरा नाम लिख दिया मैं ने

आती जाती हुई हवाओं पर
दिल का पैग़ाम लिख दिया मैं ने

गीत ग़ज़लें रुबाइयाँ नज़्में
सब तिरे नाम लिख दिया मैं ने

'शम्अ' इन आँसुओं को आहों को
इश्क़ इनआम लिख दिया मैं ने