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सहरा सागर सब पानी | शाही शायरी
sahra sagar sab pani

ग़ज़ल

सहरा सागर सब पानी

ख़ालिद कर्रार

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सहरा सागर सब पानी
सब्ज़ा बंजर सब पानी

अव्वल अव्वल पानी था
आख़िर आख़िर सब पानी

पानी पानी शहर-पनाह
मस्जिद मंदर सब पानी

कोई दिन ऐसा होगा
सहरा सागर सब पानी

मुस्तक़बिल मिट्टी का ढेर
माज़ी खंडर सब पानी

आग धमाके ख़ून धुआँ
नेज़े लश्कर सब पानी

सारी दुनिया डाँवाडोल
धरती सागर सब पानी

अंदर अंदर आग धुआँ
जिस्म के बाहर सब पानी

सारे मोवाह्हिद पानी के
फूल मुजावर सब पानी