रक़म इतनी इकट्ठी हो गई थी
मगर वो चीज़ महँगी हो गई थी
हम इतनी गर्म-जोशी से मिले थे
हमारी चाय ठंडी हो गई थी
तुम्हारे बा'द जितना रोए थे हम
तबीअ'त उतनी अच्छी हो गई थी
समझ कर हम दवाई पी गए थे
तुम्हारी बात कड़वी हो गई थी
पलट आना ही बनता था वहाँ से
हमारे साथ जितनी हो गई थी
हुई थी देर से हम को मोहब्बत
हमारी जल्द शादी हो गई थी
सभी महबूब उठ कर जा रहे थे
कहानी इतनी लम्बी हो गई थी

ग़ज़ल
रक़म इतनी इकट्ठी हो गई थी
ख़ालिद महबूब