रात तस्वीर नुमूदार हुई आँखों में
सुब्ह के सामने दीवार हुई आँखों में
मतला-ए-दिल पे फिर इक चाँद पिघल जाएगा
आज इक तेज़ चमक ख़ार हुई आँखों में
आ तुझे लाल करूँ ज़र्द-रुख़ी बिंत-ए-ख़िज़ाँ
सुर्ख़ सैलाब की यलग़ार हुई आँखों में

ग़ज़ल
रात तस्वीर नुमूदार हुई आँखों में
ओसामा ज़ाकिर