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पत्ते पत्ते से नग़्मा-सरा कौन है | शाही शायरी
patte patte se naghma-sara kaun hai

ग़ज़ल

पत्ते पत्ते से नग़्मा-सरा कौन है

अब्दुस्समद ’तपिश’

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पत्ते पत्ते से नग़्मा-सरा कौन है
ऐ हवा तेरे अंदर छुपा कौन है

फूल शबनम शफ़क़ चाँदनी कहकशाँ
पर्दा-ए-हुस्न से झाँकता कौन है

मस्लहत-कोश वो तो नहीं था मगर
नुत्क़ को हाथ से रोकता कौन है

इतने बदले हुए हैं कि हैरत में हूँ
मेरे पीछे में उन से मिला कौन है

ना-उमीदी ने मुझ को मुवह्हिद किया
अब ख़ुदा के सिवा आसरा कौन है

ये 'तपिश' की अना है नहीं तो यहाँ
ग़म को हँस हँस के यूँ झेलता कौन है