निगाहों में ख़ुमार आता हुआ महसूस होता है
तसव्वुर जाम छलकाता हुआ महसूस होता है
ख़िराम-ए-नाज़ और उन का ख़िराम-ए-नाज़ क्या कहना
ज़माना ठोकरें खाता हुआ महसूस होता है
तसव्वुर एक ज़ेहनी जुस्तुजू का नाम है शायद
दिल उन को ढूँढ कर लाता हुआ महसूस होता है
किसी की नुक़रई पाज़ेब की झंकार के सदक़े
मुझे सारा जहाँ गाता हुआ महसूस होता है
'क़तील' अब दिल की धड़कन बन गई है चाप क़दमों की
कोई मेरी तरफ़ आता हुआ महसूस होता है
ग़ज़ल
निगाहों में ख़ुमार आता हुआ महसूस होता है
क़तील शिफ़ाई