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नक़ाब उल्टा है शम्ओं' ने सितारो तुम तो सो जाओ | शाही शायरी
naqab ulTa hai shamon ne sitaro tum to so jao

ग़ज़ल

नक़ाब उल्टा है शम्ओं' ने सितारो तुम तो सो जाओ

अनीस कैफ़ी

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नक़ाब उल्टा है शम्ओं' ने सितारो तुम तो सो जाओ
करेंगे रक़्स परवाने सितारो तुम तो सो जाओ

निगाहों में निगह डाले नशे में चूर मतवाले
पढ़ेंगे दिल के अफ़्साने सितारो तुम तो सो जाओ

सजेगी महफ़िल-ए-याराँ बदन सीमाबी झूमेंगे
करेंगे रक़्स पैमाने सितारो तुम तो सो जाओ

भटकते हैं गुलिस्ताँ में बयाबानों में सहरा में
मिसाल-ए-क़ैस दीवाने सितारो तुम तो सो जाओ

वो बैठे हैं झुकाए सर अदा-ए-दिल-नवाज़ी से
लगे हैं ख़ुद से शरमाने सितारो तुम तो सो जाओ

खुली ज़ुल्फ़ें लिए वो झील की जानिब ख़िरामाँ से
बरहना-पा लगे आने सितारो तुम तो सो जाओ

दबाए होंट दाँतों में लगे हैं चश्म-ओ-मिज़्गाँ से
नज़र के तीर बरसाने सितारो तुम तो सो जाओ

उतर कर आसमाँ से देखिए रूठे सनम को अब
क़मर आया है बहलाने सितारो तुम तो सो जाओ

हुए हैं टुकड़े टुकड़े अब दिल-ए-बिस्मिल के ऐ 'कैफ़ी'
कि होगा क्या ख़ुदा जाने सितारो तुम तो सो जाओ