नग़्मा-ज़न है नज़र-ए-बे-आवाज़
क्यूँ मिरे दिल असर-ए-बे-आवाज़
मेरे दिल से उन्हें अपने दिल की
मिल रही है ख़बर-ए-बे-आवाज़
लाख किरनों की ज़बाँ रखता है
एक नूर-ए-सहर-ए-बे-आवाज़
हुई बर्बाद पस-ए-बे-हुनराँ
सई-ए-अर्ज़-ए-हुनर-ए-बे-आवाज़
पए हंगामा-ए-हस्ती-ए-बशर
मौत है चारागर-ए-बे-आवाज़
है वो बे-पाँव गुज़रने की दलील
इर्तिक़ा का सफ़र-ए-बे-आवाज़
रंग लाया है सदा बन के 'सबा'
मेरा ख़ून-ए-जिगर-ए-बे-आवाज़
ग़ज़ल
नग़्मा-ज़न है नज़र-ए-बे-आवाज़
सबा नक़वी