नफ़्स से जो लड़ा नहीं करते
रूह पर वो जिला नहीं करते
क्यूँ न हो फिर फ़साद दुनिया में
लोग ख़ौफ़-ए-ख़ुदा नहीं करते
अहल-ए-दिल अहल-ए-ज़र्फ़ अहल-ए-नज़र
बात दिल की कहा नहीं करते
उन का जीना अबस है दुनिया में
जो किसी का भला नहीं करते
बज़्म-ए-इशरत में आशिकान-ए-तरब
नाला-ए-दिल सुना नहीं करते
दोस्ती क्या करूँ मैं फूलों से
ये हमेशा खिला नहीं करते
दर्स लो टूटते हबाबों से
सर उठा कर चला नहीं करते
ऐ 'जली' दहर के सताए हुए
ज़िंदगी की दुआ नहीं करते
ग़ज़ल
नफ़्स से जो लड़ा नहीं करते
जली अमरोहवी