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नाला-ए-सबा तन्हा फूल की हँसी तन्हा | शाही शायरी
nala-e-saba tanha phul ki hansi tanha

ग़ज़ल

नाला-ए-सबा तन्हा फूल की हँसी तन्हा

सूफ़ी तबस्सुम

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नाला-ए-सबा तन्हा फूल की हँसी तन्हा
इस चमन की दुनिया में है कली कली तन्हा

रात दिन के हंगामे एक मुहीब तन्हाई
सुब्ह-ए-ज़ीस्त भी तन्हा शाम-ए-ज़ीस्त भी तन्हा

कौन किस का ग़म खाए कौन किस को बहलाए
तेरी बे-कसी तन्हा मैरी बेबसी तन्हा

देखिए तो होते हैं सारे हम-क़दम रह-रव
काटिए तो कटती है राह-ए-ज़िंदगी तन्हा

चारासाज़ हो कर भी हुस्न के ये तेवर हैं
दर्द से तड़पता है सोज़-ए-आशिक़ी तन्हा