नाला-ए-सबा तन्हा फूल की हँसी तन्हा
इस चमन की दुनिया में है कली कली तन्हा
रात दिन के हंगामे एक मुहीब तन्हाई
सुब्ह-ए-ज़ीस्त भी तन्हा शाम-ए-ज़ीस्त भी तन्हा
कौन किस का ग़म खाए कौन किस को बहलाए
तेरी बे-कसी तन्हा मैरी बेबसी तन्हा
देखिए तो होते हैं सारे हम-क़दम रह-रव
काटिए तो कटती है राह-ए-ज़िंदगी तन्हा
चारासाज़ हो कर भी हुस्न के ये तेवर हैं
दर्द से तड़पता है सोज़-ए-आशिक़ी तन्हा
ग़ज़ल
नाला-ए-सबा तन्हा फूल की हँसी तन्हा
सूफ़ी तबस्सुम