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मिरा जी गो तुझे प्यारा नहीं है | शाही शायरी
mera ji go tujhe pyara nahin hai

ग़ज़ल

मिरा जी गो तुझे प्यारा नहीं है

क़ाएम चाँदपुरी

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मिरा जी गो तुझे प्यारा नहीं है
पर इतना भी तो नाकारा नहीं है

हैं अक्सर ख़ूब-रू ओबाश लेकिन
कोई तुझ सा तो आवारा नहीं है

जो दिल ले कर हुए मुनकिर तुम इस तरह
मियाँ हम ने भी कुछ हारा नहीं है

हज़ारों आरज़ू दिल में गिरह है
पे कहने का हमें यारा नहीं है

न मरने देते हैं 'क़ाएम' को लेकिन
ख़ुदावंदी से कुछ चारा नहीं है