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आह के तीं दिल हैरान-ओ-ख़फ़ा को सौंपा | शाही शायरी
aah ke tin dil hairan-o-KHafa ko saunpa

ग़ज़ल

आह के तीं दिल हैरान-ओ-ख़फ़ा को सौंपा

मीर तक़ी मीर

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आह के तीं दिल हैरान-ओ-ख़फ़ा को सौंपा
मैं ने ये ग़ुंचा-ए-तस्वीर सबा को सौंपा

तेरे कूचे में मिरी ख़ाक भी पामाल हुई
था वो बे-दर्द मुझे जिन ने वफ़ा को सौंपा

अब तो जाता ही है का'बे को तो बुत-ख़ाने से
जल्द फिर पहुँचियो ऐ 'मीर' ख़ुदा को सौंपा