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मेहनत-ओ-दर्द-ओ-रंज-ओ-ग़म और अलम ये रात दिन | शाही शायरी
mehnat-o-dard-o-ranj-o-gham aur alam ye raat din

ग़ज़ल

मेहनत-ओ-दर्द-ओ-रंज-ओ-ग़म और अलम ये रात दिन

फ्रांस गॉड्लिब क्वीन फ़्रेस्को

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मेहनत-ओ-दर्द-ओ-रंज-ओ-ग़म और अलम ये रात दिन
करते हैं मुझ को ख़्वार-ओ-ज़ार एक दो तीन चार पाँच

नाला-ओ-गिर्या आह-ओ-अश्क और फ़ुग़ाँ तिरे बग़ैर
मेरे हुए हैं दोस्त-दार एक दो तीन चार पाँच

इश्वा निगह अदा-ओ-नाज़ और है ग़म्ज़ा हम-रिकाब
साथ हैं तेरे शहसवार एक दो तीन चार पाँच