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खुल कर आख़िर जहल का एलान होना चाहिए | शाही शायरी
khul kar aaKHir jahl ka elan hona chahiye

ग़ज़ल

खुल कर आख़िर जहल का एलान होना चाहिए

फरीहा नक़वी

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खुल कर आख़िर जहल का एलान होना चाहिए
हक़-परस्तों के लिए ज़िंदान होना चाहिए

इस वतन में मुक़्तदिर होने की पहली शर्त है
आदमी के रूप में शैतान होना चाहिए

आप जैसों को रेआ'या झेलती है किस तरह
आप को तो सोच कर हैरान होना चाहिए

नीम मुल्ला ख़तरा-ए-ईमान होता है अगर
पूरा मुल्ला ग़ासिब-ए-ईमान होना चाहिए

दिल से शर्मिंदा हूँ ये अशआ'र जो मैं ने कहे
आप के ए'ज़ाज़ में दीवान होना चाहिए