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ख़ला के दरमियानी मौसमों में | शाही शायरी
KHala ke darmiyani mausamon mein

ग़ज़ल

ख़ला के दरमियानी मौसमों में

नसीर अहमद नासिर

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ख़ला के दरमियानी मौसमों में
ज़मीं है आसमानी मौसमों में

मिलेंगे ख़ाक-ज़ादे रौशनी से
अबद के कहकशानी मौसमों में

हवाएँ फूल ख़ुशबू धूप बारिश
किसी की हर निशानी मौसमों में

मोहब्बत के ठिकाने ढूँढती है
बदन की ला-मकानी मौसमों में

अनोखे ज़ाइक़े सुलगा रही है
लहू की आग पानी मौसमों में

समुंदर और हवा के भेद 'नासिर'
खुलेंगे बादबानी मौसमों में