कहता न था मैं ऐ दिल तू उस से जी लगा न
उस का तो क्या गया अब तेरा ही जी गया न
सौ बार मैं ने झाँका चिलमन से उस को लेकिन
इतना कहा न उस ने क्या देखता है आ न
मैं ख़ूब रो चुका हूँ ज़ालिम बस और मुझ को
आज़ुर्दगी की बातें कह कह के तू रुला न
जाते ही यार के तू कहता था मर रहूँगा
वक़्त-ए-विदाअ ऐ दिल आख़िर तू मर गया न
कल मैं ने हँसते हँसते पूछा कि कोई दम याँ
फ़रमाइए तो मैं भी बैठा रहूँ कि या न
तेवरी चढ़ा के बोला चल चल ख़बर ले अपनी
जी लग रहा है तेरा जीधर तू अपने जा न
कहता न था कि हर दम उस की गली में मत जा
इस बात का अब आख़िर चर्चा 'हसन' हुआ न
ग़ज़ल
कहता न था मैं ऐ दिल तू उस से जी लगा न
मीर हसन