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कभी तो इश्क़ में उन के सदाक़त आ ही जाएगी | शाही शायरी
kabhi to ishq mein un ke sadaqat aa hi jaegi

ग़ज़ल

कभी तो इश्क़ में उन के सदाक़त आ ही जाएगी

सय्यद एजाज़ अहमद रिज़वी

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कभी तो इश्क़ में उन के सदाक़त आ ही जाएगी
कभी तो उन के दिल में मेरी चाहत आ ही जाएगी

अभी तो मेरे अरमाँ ख़ून के आँसू बहाते हैं
कभी तो दिल के उन ज़ख़्मों को राहत आ ही जाएगी

मिरे गुलशन का हर इक फूल मुरझाया हुआ सा है
कभी कलियों के लब पर मुस्कुराहट आ ही जाएगी

ये डर है बे-रुख़ी का वो गिला शिकवा न कर बैठें
किसी दिन उन के होंटों पर शिकायत आ ही जाएगी

अभी वो आज़माते हैं उन्हें कुछ न कहो 'रिज़वी'
किसी दिन उन की चाहत में क़यामत आ ही जाएगी