जब मुश्किल हालात लगे
रिश्ते चिकने पात लगे
सच कहना भर काम मिरा
लगती हो गर बात लगे
मेरा दिल तारीफ़ तिरी?
ये तो भीतर-घात लगे
दिल की बाज़ी यार अजब
जीतें भी तो मात लगे
बातों भर गर्मी थी बहुत
ठंडे पर जज़्बात लगे
दिल थोड़ी है, चाँद है वो
लौट आएगा रात लगे
मेरा हाफ़िज़ आप ख़ुदा
फिर किस की औक़ात लगे

ग़ज़ल
जब मुश्किल हालात लगे
प्रबुद्ध सौरभ