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इश्क़ की अंजुमन की बात करें | शाही शायरी
ishq ki anjuman ki baat karen

ग़ज़ल

इश्क़ की अंजुमन की बात करें

हैदर अली जाफ़री

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इश्क़ की अंजुमन की बात करें
फिर किसी गुल-बदन की बात करें

भूल भी जाएँ तीरगी-ए-हयात
मुस्कुराती किरन की बात करें

इस जहाँ से ख़िज़ाँ का दौर गया
लहलहाते चमन की बात करें

क्या ज़रूरी है जू-ए-शीर की बात
क्यूँ न गंग-ओ-जमन की बात करें

सुर्ख़ आँचल में कसमसाई हुई
सुब्ह की इस दुल्हन की बात करें

साथियो गाओ इंक़िलाबी गीत
आओ दार-ओ-रसन की बात करें