ईमान की लग़्ज़िश का इम्कान अरे तौबा
बद-चलनी में ज़ाहिद का चालान अरे तौबा
उठ कर तिरी चौखट से हम और चले जाएँ
इंग्लैण्ड अरे तौबा जापान अरे तौबा
है गोद के पालों से अब ख़ौफ़-ए-दग़ा-बाज़ी
ये अपने ही भांजों पर बोहतान अरे तौबा
इंसानों को दिन दिन भर अब खाना नहीं मिलता
मुद्दत से फ़रोकश हैं रमज़ान अरे तौबा
लिल्लाह ख़बर लीजे अब क़ल्ब-ए-शिकस्ता की
गिरता है मोहब्बत का दालान अरे तौबा
दामान-ए-तक़द्दुस पर दाग़ों की फ़रावानी
इक मौलवी के घर में शैतान अरे तौबा
अब ख़ैरियतें सर करी मालूम नहीं होतीं
गंजों को है नाख़ुन का अरमान अरे तौबा
मशरिक़ पे भी नज़रें हैं मग़रिब पे भी नज़रें हैं
ज़ालिम के तख़य्युल की लम्बान अरे तौबा
ऐ 'शौक़' न कुछ कहिए हालत दिल-ए-मुज़्तर की
होता है मसीहा को ख़फ़्क़ान अरे तौबा
ग़ज़ल
ईमान की लग़्ज़िश का इम्कान अरे तौबा
शौक़ बहराइची