हवा के साथ यारी हो गई है
दिये की उम्र लम्बी हो गई है
फ़क़त ज़ंजीर बदली जा रही थी
मैं समझा था रिहाई हो गई है
बची है जो धनक उस का करूँ क्या
तिरी तस्वीर पूरी हो गई है
हमारे दरमियाँ जो उठ रही थी
वो इक दीवार पूरी हो गई है
क़रीब आ तो गया है चाँद मेरे
मगर हर चीज़ धुँदली हो गई है
ग़ज़ल
हवा के साथ यारी हो गई है
विकास शर्मा राज़