हम से क़ाएम जुनून-ए-उल्फ़त है
यानी सर-गश्ता-ए-वफ़ा हैं हम
एक आलम के दिल में बसते हैं
यानी इक दिल-नशीं अदा हैं हम
इश्क़ से है फ़रोग़-ए-रंग-ए-जहाँ
इब्तिदा हम हैं इंतिहा हैं हम
ग़ज़ल
हम से क़ाएम जुनून-ए-उल्फ़त है
जलालुद्दीन अकबर
ग़ज़ल
जलालुद्दीन अकबर
हम से क़ाएम जुनून-ए-उल्फ़त है
यानी सर-गश्ता-ए-वफ़ा हैं हम
एक आलम के दिल में बसते हैं
यानी इक दिल-नशीं अदा हैं हम
इश्क़ से है फ़रोग़-ए-रंग-ए-जहाँ
इब्तिदा हम हैं इंतिहा हैं हम