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हम से क़ाएम जुनून-ए-उल्फ़त है | शाही शायरी
humse qaem junun-e-ulfat hai

ग़ज़ल

हम से क़ाएम जुनून-ए-उल्फ़त है

जलालुद्दीन अकबर

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हम से क़ाएम जुनून-ए-उल्फ़त है
यानी सर-गश्ता-ए-वफ़ा हैं हम

एक आलम के दिल में बसते हैं
यानी इक दिल-नशीं अदा हैं हम

इश्क़ से है फ़रोग़-ए-रंग-ए-जहाँ
इब्तिदा हम हैं इंतिहा हैं हम