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हम हैं हुशियार क्या इरादा है | शाही शायरी
hum hain hushiyar kya irada hai

ग़ज़ल

हम हैं हुशियार क्या इरादा है

रौनक़ टोंकवी

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हम हैं हुशियार क्या इरादा है
निगह-ए-यार क्या इरादा है

कुश्ता-ए-चशम-ए-मस्त है इक ख़ल्क़
ऐ लब-ए-यार क्या इरादा है

नहीं आए वो और नहीं आते
नाला-ए-ज़ार क्या इरादा है

सई-ए-दिलकश ख़याल-ए-जान-ए-पर्वर
तलब-ए-यार क्या इरादा है

मोल लेता है दर्द दे कर दिल
रौनक़-ए-ज़ार क्या इरादा है