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दिल में है क्या जानिए किस का ख़याल-ए-नक़्श-ए-पा | शाही शायरी
dil mein hai kya jaaniye kis ka KHayal-e-naqsh-e-pa

ग़ज़ल

दिल में है क्या जानिए किस का ख़याल-ए-नक़्श-ए-पा

शाह नसीर

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दिल में है क्या जानिए किस का ख़याल-ए-नक़्श-ए-पा
लग गईं आँखें ज़मीं से जो मिसाल-ए-नक़्श-ए-पा

ताक़त उठने की नहीं है तन में ज़ोफ़-ए-इश्क़ से
हाल अपना इन दिनों है हस्ब-ए-हाल-ए-नक़्श-ए-पा

सफ़्हा-ए-सहरा में है ख़ार-ए-मुग़ीलाँ जूँ अलिफ़
ख़ूब ऐ मजनूँ तिरी आई है फ़ाल-ए-नक़्श-ए-पा

यक-क़लम ऐ गुल-बदन रश्क-ए-गुल-ए-क़ालीं है देख
फ़र्श-ए-ख़ाकिस्तर है तेरा ये निहाल-ए-नक़्श-ए-पा

दुर-फ़िशानी से तिरी रहता है हम-चश्म-ए-सदफ़
था यही ऐ चश्म-ए-तर तुझ से सवाल-ए-नक़्श-ए-पा

टिकटिकी याँ तक बंधी हैगी कि ख़ाल-ए-मर्दुमक
बन गया इस शोख़ का हर वज्ह ख़ाल-ए-नक़्श-ए-पा

सूझता है हाथ से इस ना-तवानी के 'नसीर'
रफ़्ता रफ़्ता होंगे इक दिन पाएमाल-ए-नक़्श-ए-पा