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दिल चीज़ क्या है आप मिरी जान लीजिए | शाही शायरी
dil chiz kya hai aap meri jaan lijiye

ग़ज़ल

दिल चीज़ क्या है आप मिरी जान लीजिए

शहरयार

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दिल चीज़ क्या है आप मिरी जान लीजिए
बस एक बार मेरा कहा मान लीजिए

इस अंजुमन में आप को आना है बार बार
दीवार-ओ-दर को ग़ौर से पहचान लीजिए

माना कि दोस्तों को नहीं दोस्ती का पास
लेकिन ये क्या कि ग़ैर का एहसान लीजिए

कहिए तो आसमाँ को ज़मीं पर उतार लाएँ
मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए