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चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें | शाही शायरी
chehra dekhen tere honT aur palken dekhen

ग़ज़ल

चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें

तहज़ीब हाफ़ी

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चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें
दिल पे आँखें रक्खें तेरी साँसें देखें

सुर्ख़ लबों से सब्ज़ दुआएँ फूटी हैं
पीले फूलों तुम को नीली आँखें देखें

साल होने को आया है वो कब लौटेगा
आओ खेत की सैर को निकलें कूजें देखें

थोड़ी देर में जंगल हम को आक़ करेगा
बरगद देखें या बरगद की शाख़ें देखें

मेरे मालिक आप तो सब कुछ कर सकते हैं
साथ चलें हम और दुनिया की आँखें देखें

हम तेरे होंटों की लर्ज़िश कब भूले हैं
पानी में पत्थर फेंकें और लहरें देखें