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चश्म-ए-मिल्लत में मकीं कौन है आग़ा शोरिश | शाही शायरी
chashm-e-millat mein makin kaun hai aagha shorish

ग़ज़ल

चश्म-ए-मिल्लत में मकीं कौन है आग़ा शोरिश

मीम हसन लतीफ़ी

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चश्म-ए-मिल्लत में मकीं कौन है आग़ा शोरिश
गोशा-ए-दिल के क़रीं कौन है आग़ा शोरिश

शेर-ओ-इंशा की बहारें हैं बहारें जिस से
वो बहारों से हसीं कौन है आग़ा शोरिश

जिस पे बे-तूल ख़ज़ाने भी लुटा के न हूँ सेर
बे-बहा दुर्र-ए-समीं कौन है आग़ा शोरिश

जिस की जाँकाही-ए-ईसार से ज़िंदाँ भी था तूर
वो दरख़्शंदा नगीं कौन है आग़ा शोरिश

किस की बेबाकी-ए-किरदार है ईमाँ अफ़रोज़
ग़ैरत-ए-दैर-नशीं कौन है आग़ा शोरिश

जिस को यूरोप का मुक़ामिर न कभी जीत सके
नर्द-ए-ना-सैद-ए-मकीं कौन है आग़ा शोरिश

जिस जवाँ-फ़िक्र की तक़रीर से बातिल लरज़े
वो जवाँ अज़्म-ओ-यक़ीं कौन है आग़ा शोरिश

किस की किरनों में नए सानेहे पढ़ सकते हैं
हिन्द की ताब-ए-जबीं कौन है आग़ा शोरिश

अज़्म-ओ-ईसार का इक पैकर-ए-बेदार-ओ-बुलंद
हमदम-ए-ज़ार-ओ-हज़ीं कौन है आग़ा शोरिश

पूछा साक़ी से मय-ए-तुंद ने मस्ती चिल्लाई
मर्द-ए-पाइंदा-तरीं कौन है आग़ा शोरिश

शोरिशें आप की हैं मा'नी-ए-नौ से लबरेज़
अम्न-ए-आलम का अमीं कौन है आग़ा शोरिश