बे-मसरफ़ बे-हासिल दुख
जीने के ना-क़ाबिल दुख
ख़्वाब सितारे पलकों पर
झिलमिल झिलमिल झिलमिल दुख
सुख है इक गुमनाम उफ़ुक़
नाव समुंदर साहिल दुख
राह के सब दुख झेल के जब
मंज़िल आए तो मंज़िल दुख
बोझ सा मेरी रातों पर
शेर की सूरत नाज़िल दुख
सहरा सदियाँ जीवन की
और ये पल पल तिल तिल दुख
मुक्ती बन का बरगद कर्ब
भोग नगर का साहिल दुख
सर्वम दुखम जीवन 'साज़'
दिल में दुख है या दिल दुख
ग़ज़ल
बे-मसरफ़ बे-हासिल दुख
अब्दुल अहद साज़