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बर्फ़ पिघली तो रास्ता निकला | शाही शायरी
barf pighli to rasta nikla

ग़ज़ल

बर्फ़ पिघली तो रास्ता निकला

राना आमिर लियाक़त

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बर्फ़ पिघली तो रास्ता निकला
फिर से मिलने का सिलसिला निकला

फिर वो लौट आई ज़िंदगी की तरफ़
मेरे होंटों से शुक्रिया निकला

तुझ से कहना था हाल-ए-दिल लेकिन
तू भी ऐ दोस्त आइना निकला