बर्फ़ पिघली तो रास्ता निकला
फिर से मिलने का सिलसिला निकला
फिर वो लौट आई ज़िंदगी की तरफ़
मेरे होंटों से शुक्रिया निकला
तुझ से कहना था हाल-ए-दिल लेकिन
तू भी ऐ दोस्त आइना निकला
ग़ज़ल
बर्फ़ पिघली तो रास्ता निकला
राना आमिर लियाक़त
ग़ज़ल
राना आमिर लियाक़त
बर्फ़ पिघली तो रास्ता निकला
फिर से मिलने का सिलसिला निकला
फिर वो लौट आई ज़िंदगी की तरफ़
मेरे होंटों से शुक्रिया निकला
तुझ से कहना था हाल-ए-दिल लेकिन
तू भी ऐ दोस्त आइना निकला