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बात ये तेरे सिवा और भला किस से करें | शाही शायरी
baat ye tere siwa aur bhala kis se karen

ग़ज़ल

बात ये तेरे सिवा और भला किस से करें

अय्यूब ख़ावर

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बात ये तेरे सिवा और भला किस से करें
तू जफ़ा-कार हुआ है तो वफ़ा किस से करें

आइना सामने रक्खें तो नज़र तू आए
तुझ से जो बात छुपानी हो कहा किस से करें

हाथ उलझे हुए रेशम में फँसा बैठे हैं
अब बता कौन से धागे को जुदा किस से करें

ज़ुल्फ़ से चश्म-ओ-लब-ओ-रुख़ से कि तेरे ग़म से
बात ये है कि दिल-ओ-जाँ को रिहा किस से करें

तू नहीं है तो फिर ऐ हुस्न-ए-सुख़न-साज़ बता
इस भरे शहर में हम जैसे मिला किस से करें

तू ने तो अपनी सी करनी थी सो कर ली 'ख़ावर'
मसअला ये है कि हम उस का गिला किस से करें