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बाद-ए-सरसर की करामात से पहले क्या था | शाही शायरी
baad-e-sarsar ki karamat se pahle kya tha

ग़ज़ल

बाद-ए-सरसर की करामात से पहले क्या था

शनावर इस्हाक़

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बाद-ए-सरसर की करामात से पहले क्या था
ये न पूछो कि यहाँ रात से पहले क्या था

अब तो वो नस्ल भी मादूम हुई जाती है
जो बताती थी फ़सादात से पहले क्या था

ऐ समुंदर तिरी आँखें हैं यहाँ सब से क़दीम
इस जज़ीरे पे मकानात से पहले क्या था

ऐ ज़मीं कितनी पुरानी है ये नीली चादर
तेरे शानों पे समावात से पहले क्या था

इश्क़ एलान से पहले था 'शनावर' क्या चीज़
हुस्न इज़हार-ए-ख़यालात से पहले क्या था