ऐ बुलबुल-ए-दिल दौड़ के जानाँ कूँ पहुँच तूँ
वीराना-ए-तन छोड़ गुलिस्ताँ कूँ पहुँच तूँ
तुझ हिज्र सीं हूँ जाँ-ब-लब ऐ यार शिफ़ा-बख़्श
जल्दी से मिरे दर्द के दरमाँ कूँ पहुँच तूँ
याक़ूब तिरे ग़म सती ऐ यूसुफ़-ए-मिस्री
बेकल है शिताबी सती कनआँ' कूँ पहुँच तूँ
लगना है तुझे पाँव सीं गर ऐ दिल-ए-पुर-ख़ूँ
संजाफ़ नमन शोख़ के दामाँ कूँ पहुँच तूँ
ऐ दिल जो तुझे जग मने होना है सुरख़-रू
तू पिउ के लब-ए-ला'ल-ए-बदख़्शाँ कूँ पहुँच तूँ
है हुस्न की गरमी सेती बेताब शब-ओ-रोज़
ऐ बाद-ए-सहर ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ कूँ पहुँच तूँ

ग़ज़ल
ऐ बुलबुल-ए-दिल दौड़ के जानाँ कूँ पहुँच तूँ
उबैदुल्लाह ख़ाँ मुब्तला