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आप ही से न जब रहा मतलब | शाही शायरी
aap hi se na jab raha matlab

ग़ज़ल

आप ही से न जब रहा मतलब

हफ़ीज़ जौनपुरी

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आप ही से न जब रहा मतलब
फिर रक़ीबों से मुझ को क्या मतलब

आरज़ू मेरे दिल की बर आए
सब का पूरा करे ख़ुदा मतलब

कर न मुझ को सुबुक रक़ीबों में
यूँ हँसी में न तो उड़ा मतलब

रुक गई बात ता-ज़बाँ आ कर
दिल का दिल ही में रह गया मतलब

ज़िद ही ज़िद शैख़ ओ बरहमन की थी
वर्ना दोनों का एक था मतलब

मेरी इक बात में हैं सौ पहलू
और सब का जुदा जुदा मतलब

ग़ैर की और इस क़दर तारीफ़
हम समझते हैं आप का मतलब

अगली बातों का ज़िक्र जाने दो
आज इस तज़्किरे से क्या मतलब

ख़ुश हो ना-फ़हम भी समझ के 'हफ़ीज़'
साफ़ ऐसा हो शेर का मतलब