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आज दिलबर के नाम को रट रट | शाही शायरी
aaj dilbar ke nam ko raT raT

ग़ज़ल

आज दिलबर के नाम को रट रट

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम

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आज दिलबर के नाम को रट रट
रो दिया ला-इलाज हो पट पट

ज़ुल्म से तेरे दिल मिरा खट खट
पारा पारा हुआ जिगर फट फट

ऐ मियाँ देख तुझ कमर में तेग़
टुकड़े टुकड़े जिगर हुआ कट कट

मू से बारीक-तर हुआ हूँ ज़ईफ़
तेरी ज़ुल्फ़ों की देख कर लट लट

हाथ दिखला के जी निकाल लिया
ये कला देख कर गए नट नट

सैली-बाज़ों के हाथ से 'हातिम'
दिल तिरा मुफ़्त में गया बट बट