आज दिलबर के नाम को रट रट
रो दिया ला-इलाज हो पट पट
ज़ुल्म से तेरे दिल मिरा खट खट
पारा पारा हुआ जिगर फट फट
ऐ मियाँ देख तुझ कमर में तेग़
टुकड़े टुकड़े जिगर हुआ कट कट
मू से बारीक-तर हुआ हूँ ज़ईफ़
तेरी ज़ुल्फ़ों की देख कर लट लट
हाथ दिखला के जी निकाल लिया
ये कला देख कर गए नट नट
सैली-बाज़ों के हाथ से 'हातिम'
दिल तिरा मुफ़्त में गया बट बट
ग़ज़ल
आज दिलबर के नाम को रट रट
शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम