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Wajood शायरी | शाही शायरी

Wajood

16 शेर

मुझे शक है होने न होने पे 'ख़ालिद'
अगर हूँ तो अपना पता चाहता हूँ

ख़ालिद मुबश्शिर




ख़त्म होने दे मिरे साथ ही अपना भी वजूद
तू भी इक नक़्श ख़राबे का है मर जा मुझ में

मुसव्विर सब्ज़वारी